नशा मुक्त हो मेरा भारत-शिवानी जैन एडवोकेट
ऑल ह्यूमन सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन डिस्टिक वूमेन चीफ शिवानी जैन एडवोकेट ने कहा कि नशे करने वाला व्यक्ति परिवार के लिए बोझ स्वरुप हो जाता है, उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिया उपादेयता शून्य हो जाती है । वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। नशा अब एक अन्तराष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है ।
थिंक मानवाधिकार संगठन एडवाइजरी बोर्ड मेंबर डॉ कंचन जैन ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध और नाबालिकों को तम्बाकू उत्पाद बेचने पर रोक जैसे कानून का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। इसी तरह विद्यार्थियों के क्रियाकलापों पर नजर रखने के साथ ही उन्हें नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करना होगा। सभी मिलकर काम करेंगे तभी नशा मुक्त समाज का निर्माण संभव हो सकेगा ।
मां सरस्वती शिक्षा समिति के प्रबंधक एवं प्राचीन मानवाधिकार काउंसिल सदस्य डॉ एच सी विपिन कुमार जैन, संरक्षक आलोक मित्तल एडवोकेट, ज्ञानेंद्र चौधरी एडवोकेट, डॉ आरके शर्मा, डॉक्टर संजीव शर्मा, निदेशक डॉक्टर नरेंद्र चौधरी, एडवोकेट बृजेश शुक्ला, शार्क फाउंडेशन की तहसील प्रभारी डॉ एच सी अंजू लता जैन, बीना एडवोकेट आदि ने कहा कि नशीली दवाओं की लत लगातार बढ़ने से निजी जीवन में अवसाद, पारिवारिक कलह, पेशेवर अकुशलता और सामाजिक सह-अस्तित्व की आपसी समझ मे समस्याएं सामने आ रही हैं। हमारे युवा नशे की लत के ज्यादा शिकार हैं।
आज भारत बुरी तरह से नशे की समस्या से जूझ रहा है। यह बेहद जटिल और बहुआयामी मुद्दा है जो देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक ताने बाने को क्षति पहुँचा रहा है।
शिवानी जैन एडवोकेट
डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ